Ripe or Raw Banana : पुष्टिविज्ञानियों के अनुसार, कम पैसे में एक उपयोगी फल की तरह किसी औषधीय विकल्प की खोज सचमुच मुश्किल है। क्योंकि इस फल में अत्यंत आवश्यक खनिज, विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर का भंडार होता है। इसलिए, नियमित रूप से केला खाने से शरीर के स्वास्थ्य को फिर से सुधारा जा सकता है। इससे हाथों-हाथ में फायदा होगा।
लेकिन केवल इस उपयोगी फल को लेकर विवाद खत्म नहीं होता। इस मामले में कुछ लोग सोचते हैं कि, अधरमपान के राजा है हरा केला। बल्कि पका केला खाने से उतना ही लाभ नहीं मिलेगा। दूसरी ओर, कुछ लोग कहते हैं कि, हाँथो-गुण में अवश्य पका केला उपयोगी है, लेकिन स्वाद में और गुणों में हरा केला पास नहीं कर सकता। इसलिए जिस तारीख पर विवाद था, वही इसमें दिखाई देता है। कोई सुराग सूत्र निकालना संभव नहीं है।
तो हम जैसे सफेद मन वाले लोगों को प्रश्न आते हैं कि, कच्चा ना पका केला, कौन सा स्वास्थ्यगुण में सर्वश्रेष्ठ है? और उस उत्तर की खोज करने के लिए हम कोलकाता शहर के प्रसिद्ध पुष्टिविद ईशानी गंगोपाध्याय के पास पहुंचे। वही हमें इस विषय पर विस्तृत जानकारी दिखाती हैं।
ईशानी के अनुसार, नियमित रूप से पके केले खाने से अनेक पोषक तत्व मिलते हैं। आपको हैरानी हो सकती है कि इसमें विटामिन सी, विटामिन बी6, मैग्नीशियम के साथ-साथ अन्य आवश्यक विटामिन और खनिज भी होते हैं। यहाँ तक कि हमारे परिचित पका केला एंटीऑक्सीडेंट का भण्डार है। इसलिए नियमित रूप से पके केले खाने से अनेक बीमारियाँ दूर रहेंगी।
इसके साथ ही यह फल ऊर्जा का भण्डार भी है। इसलिए जब शरीर की एनर्जी की बैटरी खत्म हो जाए, आप एक केला खाकर फिर से चार्ज हो सकते हैं। इससे आप कार्यक्षम दिन बिता सकते हैं।
कच्चा केला में विटामिन बी6, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैंगनीजियम जैसे विटामिन और खनिजों की खाण्ड बनी होती है। इसलिए शरीर के स्वास्थ्य को वापस लाने के काम में कच्चे केले की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ईशानी के मुताबिक, नियमित रूप से इस केले का सेवन करने से ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, इसमें मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाती है और क्रोनिक डायरिया की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है। इसलिए कच्चे केले से आप पेट की बीमारियों से निपटने का एक अच्छा उपाय प्राप्त कर सकते हैं।
कच्चा या कच्चा केला, क्या खाना चाहिए?
ईशानी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि हम कच्चे केले को सब्जी के रूप में खाते हैं। वहां पके केले को फल के रूप में खाया जाता है। इसलिए, दोनों प्रकार के केले में अपनी अलग-अलग गुण होते हैं। इसलिए, स्वस्थ रहने के लिए आप कच्चे और पके केले दोनों खा सकते हैं। इससे आप अनेक क्रॉनिक रोगों से बच सकते हैं।
हालांकि, ध्यान दें कि पके केले को पकाकर खाने से विटामिन सी की कमी हो सकती है। इसलिए, इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए आपको पकाए हुए केले को फल के रूप में खाना चाहिए। इससे आपको हाथ की उपयोगिता मिलेगी।
क्या डायबिटीज में केला खाना चाहिए?
डायबिटीज रोगियों के लिए कच्चा केला एकदम आदर्श है। इस सब्जी का सेवन करने से शुगर को काफी मदद मिल सकती है।
वे मधुमेह रोगियों के लिए पका केला भी खा सकते हैं। लेकिन इससे पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह लें। क्योंकि यदि ब्लड शुगर बहुत ज्यादा हो, तो यह फल नहीं खाना चाहिए। इसलिए, जहाँगीर की जिंदगी बिताना चाहते हैं, इस विषय को मन में रखना जरूरी है।
कई लोग खाने के बाद केला या अन्य फल खाते हैं। लेकिन इससे शरीर में वायुयान का उत्पादन होता है। यहाँ तक कि फल में कोई गुण भी नहीं होते हैं। इसलिए खाने के बाद भोजन से फल हटा दें। बल्कि 1 से 2 घंटे खाने के बाद ही फल खाएं। इससे आपको लाभ होगा। यह आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।
Disclaimer : यह रिपोर्ट सतर्कता के उद्देश्य से लिखी गई है। किसी निर्णय से पहले चिकित्सक की सलाह लें।